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  • राधिका आप्टे की प्रेग्नेंसी को लेकर बन रहा मजाक, एक्ट्रेस ने दिया ट्रोलर्स को जबाब

    राधिका आप्टे अपनी निजी ज़िंदगी को हमेशा लाइमलाइट से दूर रखती हैं, हाल ही में एक खुशखबरी से सबको चौंका दिया। बीएफआई लंदन फिल्म फेस्टिवल के रेड कार्पेट पर अपने बेबी बंप के साथ नजर आकर, उन्होंने न सिर्फ अपने प्रशंसकों को बल्कि मीडिया को भी सुखद आश्चर्यचकित कर दिया। इस महीने की शुरुआत में, राधिका ने अपने पति बेनेडिक्ट टेलर के साथ एक बेटी का स्वागत किया, और अब उन्होंने वोग के साथ अपने मैटरनिटी फोटोशूट की तस्वीरें साझा की हैं।

    राधिका ने वोग से बातचीत करते हुए अपनी गर्भावस्था के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि, भले ही उन्हें गर्भवती होने का पता था, फिर भी यह खबर उनके लिए एक झटका थी। राधिका ने कहा, “हमने कभी बच्चा पैदा करने का प्लान नहीं किया था, हालांकि इस बारे में थोड़ी जिज्ञासा थी कि ऐसा कैसा होगा। जब यह हुआ, तो हम दोनों को समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करें।” यह सचमुच एक अप्रत्याशित स्थिति थी, क्योंकि न तो वे बच्चे के लिए तैयार थे, न ही वे इसे एक दुर्घटना मानते थे।

    अपने प्रेग्नेंसी फोटोशूट के बारे में राधिका ने कहा कि उन्हें वह समय काफी चुनौतीपूर्ण लगा। उन्होंने बताया कि, “मैंने यह फोटोशूट जन्म देने से एक हफ्ते पहले कराया था, और उस वक्त मुझे अपने शरीर के बारे में बहुत असहज महसूस हो रहा था।” राधिका ने अपने वजन बढ़ने और शारीरिक बदलावों के बारे में खुलकर बात की। “मेरा शरीर सूज गया था, मेरे कपड़े मुझे तंग महसूस हो रहे थे, और नींद की कमी से मेरी मानसिक स्थिति पर असर पड़ा था।” यह समय उनके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से काफी कठिन था, लेकिन अब उनका नजरिया बदल चुका है।

    उन्होंने बताया, “अब मैं इन बदलावों को सकारात्मक नजरिए से देखती हूं। यह सब कुछ एक नए दृष्टिकोण से देखना है। मुझे इन शारीरिक बदलावों को स्वीकार करने में अब कोई बुराई नहीं लगती।” राधिका ने बताया कि यह अनुभव उनके लिए एक महत्वपूर्ण सीख बनकर उभरा, और अब वह खुद को और अपनी शारीरिक स्थिति को ज्यादा समझती और स्वीकार करती हैं।

    राधिका की शादी 2012 में ब्रिटिश वायलिन वादक और संगीतकार बेनेडिक्ट टेलर से हुई थी। दोनों की मुलाकात 2011 में लंदन में हुई थी, और इसके बाद उनकी दोस्ती और रिश्ते ने एक अंतरराष्ट्रीय मोड़ लिया। उनका विवाह 2013 में एक आधिकारिक समारोह के रूप में हुआ।

    राधिका का यह अनुभव उनके जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत है, जिसमें उन्होंने न सिर्फ अपनी प्रेग्नेंसी बल्कि अपने व्यक्तिगत बदलावों को भी आत्मसात किया है। यह सचमुच यह दिखाता है कि कैसे हर अनुभव, चाहे वह कितना भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हो, एक व्यक्ति को जीवन के नए पहलुओं को समझने और स्वीकारने की क्षमता देता है।

  • स्पेस में ISRO ने भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाया, अब रुक सकेंगे यात्री

    इसरो ने बहुत जल्द ही भारतीय अंतिरक्ष स्टेशन के साथ अंतरिक्ष में शुरुआती चरण में तीन लोगो को  अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है। इसरो संगठन के अनुसार, बीएएस का उद्देश्य अंतरग्रहीय अनुसंधान, जीवन विज्ञान और चिकित्सा अध्ययन समेत कई वैज्ञानिक प्रयासों को सुविधाजनक बनाना है

    भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण

    भारत ने अपने अंतरिक्ष प्रक्षेपण क्षमताओं में नई ऊंचाइयाँ छुई हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में स्पेस में एक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की घोषणा की है। यह अभियान भारतीय वैज्ञानिकों की मेहनत और नेतृत्व का प्रतीक है। इस अंतरिक्ष स्टेशन का उद्देश्य विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं का समर्थन करना और अंतरिक्ष में रहने की आवश्यकताओं की पूरी प्रक्रिया को समझना है।

    यात्रीगणों के लिए आवास

    इस नए अंतरिक्ष स्टेशन के मार्क दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी। यात्रियों के सुरक्षित ठहरने के लिए, यह स्टेशन एक आदर्श स्थान प्रदान करेगा। यहाँ वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों को रहकर अनुसंधान करने की सुविधा मिलेगी। साथ ही, यह तनाव-मुक्त वातावरण में रहने का अनुभव भी देगा। इस प्रकार, ISRO ने स्पेस में एक ऐसा प्लेटफार्म विकसित करने का कार्य प्रारंभ किया है जहाँ यात्री और वैज्ञानिक जा सकेंगे।

    नवीनतम तकनीकी अग्रिम

    ISRO का यह कार्यक्रम ना केवल भारतीय अनुसंधान में योगदान देगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी सराहना होगी। वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए नए दरवाजे खोलने वाले इस कार्यक्रम से अंतरिक्ष अनुसंधान में नई दिशा मिलेगी। भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन में आधुनिक उपकरण और तकनीकें होंगी, जो सभी प्रकार के प्रयोगों को संचालित करने में मदद करेंगी। यह तकनीकी योगदान भारत को वैश्विक मंच पर और भी मजबूत बनाकर पेश करेगा।

    इसरो ने अपने एक सेमिनार के दोरान मीडिया में कहा, बीएएस का वजन 52 टन यहाँ तीन लोगो के वजन के हिसाब से बनाया गया है, परियोजना कि सुरुआत बंगलूरू में यू आर राव सैटेलाइट सेंटर में कन्नड़ तकनीकी सेमिनार के दौरान किया गया। कि अंतरिक्ष में स्थायी आवास बनाना हमारा उद्देश है, ये अन्तरिक्ष यात्री वहा कि हर छोटी बड़ी जानकारी हम तक पहुचाते रहेंगे,और साथ ही अनुसंधान क्षमताओं को बढाएंगे। भविष्य में इस क्षमता को छह तक बढ़ाने की योजना है।

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